Importance of Know Your Customer-KYC

Feb 22, 2021 Banking

यह ब्लॉग लिखने का आशय है की हम आम जन को KYC के बारे मे जागरूक करें। KYC क्यूँ जरूरी है

और इसे कैसे अपडेट करा जा सकता है। आइये हम जाने की

what is importance of Know Your Customer-KYC?

केवाईसी का अर्थ है “अपने ग्राहक को जानें” (Know Your Customer)। यह एक प्रक्रिया है

जिसके द्वारा बैंक / वित्तीय संस्थान ग्राहकों की पहचान और पते के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।

यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानो की सेवाओं का दुरुपयोग न हो।

केवाईसी प्रक्रिया को बैंकों द्वारा खाते खोलते समय पूरा किया जाता  है और समय-समय पर इसे अपडेट भी

करा जाता है।

हम चर्चा करनेंगे की Uses of know your customer- KYC क्या है। लगभग सभी सेक्टर में KYC का उपयोग

किया जाता है। हालाँकि वित्त क्षेत्र में इसका व्यापक उपयोग होता है। निम्नलिखित महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं

जहां केवाईसी दस्तावेज जमा किए जाते हैं।

Uses of know your customer- KYC

1. किसी भी बैंक / वित्तीय संस्था के साथ खाता खोलते समय आपको नवीनतम तस्वीर के साथ अपना पैन, आधार नंबर,

ड्राइविंग लाइसेंसे , वोटर आईडी कार्ड आदि  जमा करने की आवश्यकता होती है ।

2. बैंक / एफआई से किसी भी प्रकार के ऋण के लिए आवेदन करते समय आपको पैन और आधार नंबर आदि के साथ

आपको बिजनेस प्रूफ, बैलेंस शीट, जीएसटी नंबर आदि जैसे प्रमाण प्रस्तुत करने होते है ।

3. किसी भी बीमा उत्पाद को खरीदें समय आपको चिकित्सा इतिहास के साथ अपना पहचान प्रमाण प्रस्तुत करना होता है।

4. किसी भी सरकार प्रायोजित योजना के लिए आवेदन करने पर । कई तरह की योजना के लिए विभिन्न ऑनलाइन पोर्टल

उपलब्ध हैं, जिन्हें हम online tool for kyc updation कह सकते है आपको अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस

आदि को अपलोड करने की आवश्यकता होती है।

5. जल कनेक्शन, विद्युत कनेक्शन, मोबाइल सिम कार्ड खरीद जैसी उपयोगी सेवाएं आदि।

6. 25000 रुपये के डिमांड ड्राफ्ट के नकद भुगतान के लिए आपको पूरा केवाईसी जमा करना होगा।

निम्नलिखित दस्तावेज किसी भी व्यक्ति के पहचान प्रमाण के रूप में माने जाते हैं।

Documents Consider as Entity Proof in KYC

1. आधार कार्ड

2. पैन कार्ड

3. वोटर आईडी कार्ड

4. पासपोर्ट

5. राज्य या केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया कार्ड।

6. राज्य सरकार द्वारा नरेगा द्वारा जारी किया गया जॉब कार्ड।

7. ड्राइविंग लाइसेंस

निम्नलिखित दस्तावेजों को एड्रेस प्रूफ माना जाता है।

Documents Consider as Address Proof

1. आधार कार्ड

2. पैन कार्ड

3. वोटर आईडी कार्ड

4. पासपोर्ट

5. सरकार द्वारा जारी किया गया आईडी कार्ड जहां पते का उल्लेख किया गया है।

6. बिजली का बिल

7. लैंड लाइन फोन बिल और पोस्ट पेड मोबाइल बिल, वाटर टैक्स रसीद आदि

(बिल 2 महीने से कम होना चाहिए)

8. रेंट एग्रीमेंट

9. सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जारी पारिवारिक पेंशन भुगतान आदेश।

व्यवसाय क्षेत्र के लिए निम्नलिखित इकाई प्रमाण हैं, जिन्हें आपको बैंक / वित्तीय संस्था के साथ

खाता खोलते समय प्रस्तुत करना पड़ सकता है।

1.उद्योग आधार कार्ड

2.GST पंजीकरण सर्टिफिकेट

3.दुकान और प्रतिष्ठान एक्ट के तहत जारी किया गया प्रमाण पत्र (गोमस्था)

4. औषधि व्यवसाय के लिए सरकारी विभाग द्वारा जारी किया गया लाइसेंस जैसे ड्रग लाइनकेंस,

सरकार द्वारा जारी किए गए अन्य लाइनकेंस जैसे ठेकेदार लाइसेंस, माइनिंग लिनसेंस,आयात और

निर्यात कारोबार के लिए जारी किया गया लाइसेंस आदि।

5. VAT / CST / सेवा कर प्रमाणपत्र

6. मंडी लाइसेंस

8. क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय पंजीकरण / प्रमाण पत्र

9.ग्राम पंचायत प्रमाण पत्र

10. MSME रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट

List of KYC Documents for NRI’s

एनआरआई श्रेणी में खाता खोलने के लिए प्रस्तुत किए जाने वाले निम्नलिखित दस्तावेज। बैंक में

जमा करते समय दस्तावेजों को स्व-सत्यापित होना चाहिए।

a) पैन कार्ड

b) फोटो क्रेडिट कार्ड विदेशों में जारी किया गया

c) विदेशी ड्राइविंग लाइसेंस

d) विदेशी विश्वविद्यालय या कॉलेज आईडी कार्ड

e) प्रवासी स्वास्थ्य कार्ड

f) विदेशी नागरिक आईडी या निवासी परमिट

g) सरकार द्वारा विदेशों में जारी कोई अन्य फोटो पहचान दस्तावेज।

बैंक की जोखिम के आधार पर केवाईसी रिकॉर्डों के अपडेशन के लिए विभिन्न आवधियो को निर्धारित

किया गया है। उच्च जोखिम वाले ग्राहकों के लिए हर दो साल में एक बार केवाईसी करना आवश्यक है,

हर आठ साल में एक बार मध्यम जोखिम वाले ग्राहकों के लिए और एक बार कम जोखिम वाले ग्राहकों के

लिए हर दस साल में किया जाना चाहिए।

यह प्रश्न जरूर आता है की why kyc required. आरबीआई के नियम के अनुसार बैंकों को समय-समय

पर केवाईसी रिकॉर्ड अपडेट करने की आवश्यकता होती है। अपडेशन की आवधिकता अलग-अलग खाते

श्रेणियों के अनुसार अलग-अलग होती है जो बैंक की जोखिम पर निर्भर करती है। केवाईसी रिकॉर्ड करते रहने

से ग्राहक खातों में धोखाधड़ी को रोकने में भी मदद मिलती  है।

KYC Verification Process

केवाईसी के सत्यापन की प्रक्रिया इस प्रकार है। ग्राहक को उल्लिखित दस्तावेजों की ज़ेक्सॉक्स कॉपी जमा करनी होगी।

 1. ग्राहक को नवीनतम पासपोर्ट आकार की तस्वीरों के साथ पहचान प्रमाण और पते का प्रमाण जमा करना होगा

2. ReKYC या केवाईसी अपडेशन फॉर्म को मोबाइल नंबर और ईमेल एड्रेस (वैकल्पिक) से ठीक से भरा जाए।

3. केवाईसी के लिए प्रस्तुत दस्तावेज अधिकारी द्वारा सत्यापित किए जाते हैं।

4. प्रस्तुत सभी दस्तावेजों को मूल से सत्यापित किया जाता है।

5. चालू खाता के लिए ग्राहक को बैंक द्वारा आवश्यक एक / दो इकाई (Entity Proof) प्रमाण प्रस्तुत करना होता है।

6. चालू खाता ग्राहक का फील्ड सत्यापन बैंक / FI  द्वारा किया जाता है।

7. माइनर ग्राहकों को प्रमुख बनने पर नए पहचान और पते के प्रमाण दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।

Implication due to non updation of KYC with Bank/FI

 बैंक / वित्तीय संस्था के साथ केवाईसी का समय पर अपडेशन न करने  के कारण कुछ परेशानी हो सकती है जैसे:-

1. यदि आप समय-समय पर केवाईसी अपडेट नहीं करते हैं, तो आपके खाते में बैंक / FI फ्रीज लगा सकता है।

2. आप केवाईसी जमा किए बिना किसी भी बैंक / एफआई के साथ अपना खाता नहीं खोल पाएंगे।

3. आपातकाल की स्थिति में आपको राशि निकालने में समस्या हो सकती है।

4. केवाईसी न करने की स्थिति में आपकी ईएमआई या ईसीएस काटने मे गड़बड़ी हो सकती है।

5. आपकी बैंकिंग प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो सकती है।

ई केवाईसी की अवधारणा और यह प्रक्रिया।

Concept of E KYC and it process

e-KYC का तात्पर्य इलेक्ट्रॉनिक KYC से है। ई-केवाईसी केवल उन लोगों के लिए संभव है जिनके पास

आधार कार्ड है। ई-केवाईसी सेवा का उपयोग करते समय, आपको भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण

(UIDAI) को स्पष्ट सहमति से, बैंक शाखाओं / व्यवसाय संवाददाता (बीसी) को बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण

के माध्यम से अपनी पहचान / पता जारी करने के लिए अधिकृत करना होगा। यूआईडीएआई फिर आपके

डेटा को जैसे नाम, आयु, लिंग और व्यक्ति की तस्वीर को इलेक्ट्रॉनिक रूप से बैंक / बीसी में स्थानांतरित करता है।

जिससे आपकी KYC पूरी हो जाती है।

Conclusion

बैंक की जोखिम के आधार पर Know Your Customer-KYC रिकॉर्डों के अपडेशन के लिए

विभिन्न आवधियो को निर्धारित किया गया है। यह हमे फ़्रौड से बचने मे मद्दत करता है।

अधिक जानकरी के लिए हम आरबीआई की साइट पर जाकर विस्तृत इन्फॉर्मेशन पा सकते है।

 

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